1. स्थिर विद्युत की खोज यूनानी वैज्ञानिक थेल्स ने कि थी
2. वह विद्युत जिसको चालको मे प्रवाहित किया जा सके चल विद्युत कहलाती है।
4. विद्युत को वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्सटीन के ऊर्जा संरक्षण सिद्धान्त के अनुसार ऊर्जा न तो पैदा की जा सकती हैे और न ही नष्ट की जा सकती है ।
5. श्रेणी डी आग को बुझाने के लिए CO2 व CTC (कार्बन टेट्रा क्लोराइड) ccl4 का प्रयोग करते है।
6. CTC पदार्थ से श्रेणी A,B,C,D प्रकार कि आग बुझाते है।
7. श्रेणी B की आग को बुझाने वाला यंत्र चिक्करण कहलाता है।
8. जब हमारे शरीर मे से 90 वोल्ट से अधिक विद्युत धारा गुजरती है तो हमे एक झटके का अनुभव होता है। वह विद्युत झटका होता है।
- 20mA- महसुस होना
- 40mA - शरीर पर छाले पडना
- 50mA - मृत्यु हो जाती है
- 100mA- शरीर जलने लगता है
9. विद्युत झटका शरीर मे प्रवाहित हुई विद्युत की मात्रा (धारा व समय के गुणनफल) पर निर्भर करता है।
10. वायरिगं सिस्टम मै सदैव अर्थ तार का रंग हरा, न्यूट्रल का काला व फेज का लाल रंग रखा जाता है व 3 फेज प्रणाली मे लाल,पीला व नीला रंग रखा जाता है।
10. वायरिगं सिस्टम मै सदैव अर्थ तार का रंग हरा, न्यूट्रल का काला व फेज का लाल रंग रखा जाता है व 3 फेज प्रणाली मे लाल,पीला व नीला रंग रखा जाता है।
11. प्रत्येक वैद्युतिक उपकरणो को आवश्यक रुप से कम से कम एक स्थान पर भू-सम्पर्कित करना चाहिए ताकि वैधुतिक झटके से बचा जा सके।
12. वैद्युतिक उपकरणो के साथ जोडे गये अर्थ तार का प्रतिरोध सामान्य भूमि मे अधिकतम 5Ω तथा पथरीली व रेतीली भूमि मे अधिकतम 8Ω रखा जाता है।
13. घरेलु परिपथो मे प्रयोग किये गये तांबे के तार का व्यास 15SWG रखा जाता है (SWG-Standard Wire gauge)
14. वैद्युतिक उपकरणो को स्थापित करते समय अचालक प्रतिरोध कम से कम 1 मेगा ओह्म (1×106 Ω) रखा जाना चाहिए।
15. अचालको का प्रतिरोध सदैव मेगा ओह्म मे मापा जाता है।
16. लाइट एण्ड फेन के प्रत्येक उप परिपथ मे 10 से अधिक और पॉवर के उप परिपथ मे 2 से अधिक उपभोग बिन्दु नही होने चाहिए।
17. लाइट एण्ड फेन परिपथ मे 6A, 240V तथा पॉवर परिपथ मे 16A, 240V रेटिगं वाला सॉकेट स्थापित किया जाना चाहिए। यदि सॉकेट 1.3 मीटर से कम ऊचाई पर है तो सॉकेट ढक्कन युक्त होना चाहिए।
18. लाइट एण्ड फेन उपपरिपथ का कुल लोड 800 वाट और पॉवर उप परिपथ का 3000 वाट से अधिक नही होना चाहिऐ।
19. अर्थ का प्रतिरोध मापने के लिए भू.परिक्षको (अर्थ टेस्टर) का प्रयोग किया जाता है। यदि प्रतिरोध मान अधिक प्राप्त होता है तो उसे घटाने के लिए अर्थ इलेक्ट्रोड के चारो ओर नमक (40%) व कोयला (60%) व पानी डालकर नमी बढाई जाती है।
20. वैधुतिक परिपथो में लिकेज करन्ट (संक्षारण धारा) का मान परिपथ की कुल धारा का 1/5000 वां भाग से अधिक नही होना चाहिऐ।
21. वैधुतिक परिपथो को सुरक्षा प्रधान करने के लिए सदैव फेज तार के साथ फ्युज, न्यूट्रल के साथ लीकं (कडी) व अर्थ के लिए ELCB (अर्थ लिकेज सर्किट ब्रेकर) को जोडा जाता है।
22. विद्युत धारा की गति 3×108 m/s (3 लाख Km/S) होती है
23. नियन्त्रक स्विच बोर्ड की फर्श से ऊॅचाई 1.3 मीटर होनी चाहिए और कक्ष के प्रवेश द्वार के निकट बाई और स्थापित किया जाना चाहिए।
24. सभी प्रकार की लाइट की फर्श से ऊॅचाई 2.25 मीटर से कम नही होनी चाहिए ।
25. छत के पंखो के ब्लेड तथा फर्श के बीच मे न्यूनतम 2.4 मीटर और अधिकतम 3 मीटर अन्तर होना चाहिए।
26. फ्रीक्वेन्सी मे 3%, निम्न वोल्टेज मे 5% तथा उच्च वोल्टेज मे 12.5% का फेरबदल हो सकता है।
27. अर्थिगं इलैक्ट्रॉड भवन से लगभग 2 मीटर दूर होना चाहिए
28. 1 mm तार का लोड 1000 वाट, 1.5mm तार का लोड 1500 वाट तथा 2.5mm तार का लोड 1500 वाट से अधिक होता है।
29. मनुष्य के शरीर का प्रतिरोध
- जब शरीर गीला (स्वस्थ) हो तो लगभग 1000Ω (1KΩ) होता है।
- जब शरीर शुष्क हो तो लगभग 100000Ω (100KΩ) होता है।
30. यूरेनियम (U) का उपयोग विधुत उत्पादन मे किया जाता है
31. श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग सजावटी कार्यो आदि मे किया जाता है।
32. वह संयोजन जिसमे धारा गुजरने के लिए एक से अधिक मार्ग हो तो समान्तर क्रम कहलाता है।
33. समानान्तर क्रम संयोजन का उपयोग भवनएरोड लाइट आदि मे किया जाता है।
34. श्रैणी एवं समान्तर मे शक्ति खर्च समान होती है।
35. पावर प्रतिरोध का विपरित होता है।
36. विद्युत भट्टियो मे तापमान पायरोमीटर से मापा जाता है और हिटींग एलिमेन्ट के लिए केन्थल धातु का प्रयोग करते है।
37. एमीटर का प्रतिरोध वोल्टमीटर के प्रतिरोध कि अपेक्षा बहुत कम होता है।
38. समान्तर मे अर्थ जोडने से प्रतिरोध घट जाता है।
39. 10 मिलियन Ω =10mΩ
40. ऊर्जा का एक अन्य मात्रक इलेक्ट्रॉन वोल्ट होता है
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