Nov 16, 2018

Earthing- किसी भी धातु वाली मशीन या उपकरण के धातु वाले हिस्से पर एक तार जोड़ कर उसे हम Earth Plate या Earth Electrode के साथ में जोड़ देते हैं इसे हम अर्थिंग कहते हैं अर्थ प्लेट या अर्थ इलेक्ट्रोड के लिए हम एक मोटी तार का इस्तेमाल करते हैं जिसका प्रतिरोध बहुत कम होना चाहिए है  किसी भी उपकरण की अर्थिंग करने का सबसे पहला कारण होता है कि हम इलेक्ट्रिक शॉक से बच सकें. कई बार हमारा उपकरण खराब हो जाता है जिसके कारण उस उपकरण के धातु वाले हिस्से में छरण धारा आ जाती है और जिसे छूने पर हमें झटका लग सकता है तो एसी धारा से बचने के लिए हम उस उपकरण की अर्थिंग कर देते हैं ताकि जो भी धारा है वह उस अर्थ वायर की मदद से सीधी धरती में चली जाए और हमें बिजली का झटका ना लगे 

  • अर्थिंग हमारे इलेक्ट्रिकल उपकरण को लीकेज करंट से बचाता है और हमें बिजली का झटका लगने से भी बचाता है.
  • यह बिल्डिंग को बारिश के समय गिरने वाली बिजली से भी बचाता है
Electrician Theory Important MCQ 
1. Electrician 1st Year MCQ
2. Electrician 2nd Year MCQ


Types Of Earthing-अर्थिंग कई प्रकार से की जाती है यह निर्भर करता है कि आप कहां पर और किस काम के लिए या कितने लोड के लिए करना चाहते हैं  नीचे आपको कुछ अर्थिंग के प्रकार बताए गए हैं और इनमें तरीका भी बताया गया है कि कैसे हम अपने घर में अर्थिंग कर सकते हैं .
1. Pipe Earthing
इस अर्थिंग के लिए कम से कम 1.5 Inch मोटी लोहे की पाइप का इस्तेमाल किया जाता है और इसकी लंबाई कम से कम 8 से 9 फुट होती है यह अर्थिंग का बहुत ज्यादा प्रयोग होने वाला तरीका है. इस तरीके में पाइप को नमी वाली जगह में 8 से 9 फुट नीचे गाढ़ दिया जाता है.और पाइप के चारो तरफ नमक और कोयला डालकर इसे ढक दिया जाता है और इससे अर्थिंग की तार को जोड़ दिया जाता है.
  • सबसे पहले नमी वाली जगह देख कर वहां पर एक गड्ढा खोदेंगे  गड्ढा 30 से.मी. × 30 से.मी. आकार का 4.75 मीटर  गहरा होना चाहिए  आप GI पाइप का इस्तेमाल करें  इस पाइप की लंबाई 2 मीटर तथा 38 मि.मी. व्यास होना चाहिए. और इस GI पाइप के बिच बीच में 12 मि.मी के  छेद करेंगे. यह पाइप नीचे से तिरछा कटा हुआ होना चाहिए .
  • इसके बाद GI पाइप को अर्थ इलैक्ट्रोड की पाइप के साथ में Reducing Socket से जोड़ना है GI पाइप को हम भूमि के अंदर नमी रखने के लिए इस्तेमाल करेंगे अब इन दोनों पाइप को गड्ढे में लगा दीजिए. कीप को जाली से ढक दें ताकि इसके अंदर मिट्टी ना जा सके.
  • इस पाइप के अंदर आपको एक छेद करना है और उसके अंदर आपको 1 Net Bolt व वाशर लगाना है जिससे हम अपने अर्थिंग की तार को जोड़ेंगे और अर्थिंग वायर को इस नट बोल्ट व वाशर की मदद से अच्छी तरह से पाइप के साथ में जोड़ दें ताकि यह ढीला ना रहे.
  • फिर आपको गड्ढे के अंदर नमक और कोयला डालना है. आप को नमक और कोयला कम से कम 10 – 10 किलो के करीब डालना है. और आप को एक साथ नमक या एक साथ कोयला नहीं डालना है पहले आप को थोड़ा नमक फिर उसके ऊपर थोड़ा कोयला और फिर से नमक और फिर से कोयला ऐसे करके आपको परत बनानी है 
  • आधा नमक और कोयला डालने के बाद आपको इसके ऊपर हल्का हल्का पानी डालना है ताकि नमक और कोयला अच्छे से जम जाए.
  • और फिर से नमक और कोयला डालना शुरु कर दें जैसे पहले परत के ऊपर परत बनाई थी वैसे ही और सारा नमक और कोयला डालने के बाद में फिर से पानी का छिड़काव करते.
  • और फिर गड्ढे में मिट्टी भर दे. लेकिन जो हमारी अर्थिंग की तार है उसे आप एक अलग पतले प्लास्टिक के पाइप की मदद से बाहर निकाल ले . ताकि मिट्टी का असर हमारी अर्थिंग वायर के ऊपर ना हो.
  • अर्थ इलैक्ट्रोड की पाइप  को थोड़ा सा बाहर रख कर .उसमें पानी डालें और उसे पूरा भर दें और फिर उसके चारों तरफ ईटें लगा कर सीमेंट कंक्रीट से पक्का कर दें और ताकि उसके ऊपर ढक्कन लगाया जा सके. और यह पाइप पानी का भरने के बाद में इस गड्ढे को ढक दे.
  • अब अगले दिन आप इससे अपनी अर्थिंग वायर का कनेक्शन कर सकते हैं यह कनेक्शन करने के लिए तैयार है. इसे चेक करने के लिए आप किसी बल्ब का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे कि आप एक तार फेज वायर में लगा दें और दूसरा तार अर्थिंग पर लगा कर चेक कर सकते हैं.

2. Rod Earthing- 
रोड अर्थिंग भी पाइप अर्थिंग की तरह ही होता है इसमें 12 Mm की एक तांबे की रोड को धरती में गाड़ दिया जाता है. तांबे की रोड को बिना गड्ढा खोद दे Pneumatic Hammer की मदद से सीधा धरती में गाड़ दिया जाता है. और इस से अर्थिंग वायर को जोड़ दिया जाता है .

Electrician Theory MCQ Practice Set
2. Electrician 2nd Year MCQ Practice Set
3. Plate Earthing- 
प्लेट अर्थिंग सिस्टम में एक कॉपर की प्लेट होते हैं जिसका आकार 60cm X 60cm X 3.18mm ( 2ft X 2ft X 1/8 In) होता है.इस तांबे की प्लेट को धरती में 10 फीट नीचे दबा दिया जाता है. और यह प्लेट नमी वाली जगह में लगाई जाती है ताकि अर्थ इन ज्यादा अच्छे से हो सके .
  • जमीन में 3 मीटर से अधिक गहरा गड्डा खोदो जिसकी चौड़ाई 90 से.मी. × 90 से.मी. हो।
  • अर्थ इलैक्ट्रोड (Earth Electrode) के लिए एक कॉपर की प्लेट जिसका साइज 60 से.मी. × 60 से.मी. × 3.18 मि.मी या जी.आई. की प्लेट जिसका साइज 60 से.मी × 60 से.मी × 35 मि.मी. हो
  • प्लेट के बीचे में छेद करो।
  • तार के टुकडे़ को जिसको Earthing Lead कहते हैं, नट-वोल्ट से प्लेट के साथ कस दो ।
  • अब प्लेट को गड्डे की सतह में वर्टिकली (Vertically) रख दो ।
  • प्लेट के चारों ओर 15 से.मी. मोटी तह नमक व कोयले की एक – दूसरे के बाद लगाओ जब तक प्लेट ढक न जाये।
  • Earthing Lead को 12-5 मि.मी. व्यास पाइप के अन्दर से निकालो।
  • एक 19 मि.मी. व्यास का पाइप प्लेट की सतह तक ले जाओं।
  • एक कीप (Funnel) को 19 मि.मी. व्यास पाइप के ऊपरी सतह पर लगाओ।
  • गड्डे को कास्ट-आयरन के ढक्कन (Cover) से बन्द कर दो ।

मजबूत अर्थिंग के लिए निम्न बिन्दुओ को ध्यान में रखना चाहिए-

1) High quality wire का करें इस्तेमाल

कुछ साल पहले तक मनुष्य की जरूरतें limited हुआ करती थी और लोग बहुत ही कम electric gadgets का इस्तेमाल किया करते थे। इसलिए उस समय के जरूरत के अनुसार लोग अपने घर में छोटी-मोटी वायरिंग ही करवाते थे और उस wiring में low quality के तार भी लगा दिया करते थे।
लेकिन आज के समय में हमारी जरूरतें काफी हद तक बढ़ गई हैं और हम पहले की तुलना में बहुत ज्यादा इलेक्ट्रिक उपकरणों का use करने लगे हैं। लेकिन लोग सबसे बड़ी गलती ये करते हैं कि जरूरत बढ़ने के साथ-साथ अपने वायरिंग की updating और repairing नहीं करवाते हैं जिस वजह से उन्हें बार-बार वायरिंग के जलने और खराब होने की problem को face करना पड़ जाता है।
इसलिए यदि आपका अर्थिंग भी मजबूत नहीं है और यदि ये बार-बार जल जा रहा है तो हमारी personal advice यही है कि आप पुराने अर्थिंग को भूल जाएँ और नए तरीके से high quality का मजबूत तार का इस्तेमाल करके एक मजबूत अर्थ लगायें। लेकिन यदि आप पहली बार अर्थ लगा रहे है तो भी हमारी सलाह यही है कि इसके लिए आप best wire का ही selection करें ताकि सालों बाद wiring पर load बढ़ जाने के बाद भी आपका अर्थिंग सही से काम करे।

मजबूत और टिकाऊ earthing wire का चयन कैसे करें?

(अ) अर्थिंग में हमेशा copper wire का ही इस्तेमाल करें।

Aluminium wire से निकाला गया अर्थिंग कमजोर होता है और वो ज्यादा समय तक टिकाऊ नहीं रहता है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि एल्युमीनियम के तार में बहुत ही जल्द कार्बन लग जाता है। साथ ही ताम्बा के तार की अपेक्षा ये तार जल्दी जल जाता है। यदि आप इस तार से earthing करेंगे तो आपको बार-बार इसके पीछे परेशान होना पड़ सकता है। इसलिए earthing wire के रूप में हमेशा copper wire का ही इस्तेमाल करें।

(ब ) Earthing के लिए मोटे तार का करें इस्तेमाल

Earthing चूंकि बार-बार नहीं लगाया जाता है इसलिए बिना पैसे की परवाह किये इसके लिए कम-से-कम गेज का तार इस्तेमाल करें। अर्थिंग में यदि आप ज्यादा मोटाई वाला तार इस्तेमाल करेंगे तो ये आपके future के लिए सही रहेगा। बाद में आपकी जरूरत चाहे कितना भी क्यों न बढ़ जाये, आप पहले वाले अर्थिंग पर ही सभी उपकरणों का लोड दे सकेंगे। (मोटाई से हमारा तात्पर्य तार के गेज से है, न कि उसके कवर से) 

2) अर्थिंग के लिए सही जगह का चुनाव करें

ज्यादातर लोग अर्थिंग लगाने के लिए गलत जगह का चुनाव कर लेते हैं जिस वजह से हमेशा उन्हें तकलीफों का सामना करना पड़ता है। इसलिए जब भी अर्थिंग लगायें तो पहले इसके लिए सही जगह का चुनाव कर लें। अर्थिंग के लिए सही जगह का चुनाव करने के लिए आप हमारे निम्न point को पढ़ सकते हैं।

(अ) भीड़-भाड़ वाले जगह पर earthing न लगायें

Earthing को ठंडी भी कहा जाता है जिस वजह से बहुत लोगों को ये ग़लतफ़हमी हो जाती है कि इसके तार के संपर्क में आने से कोई नुकसान नहीं है। लेकिन ऐसी बात बिल्कुल भी नहीं है, अर्थिंग के तार की चपेट में आने पर भी आपको भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। हाँ, ये बात अलग है कि गर्मी के तार की अपेक्षा ठंडी के तार के संपर्क में आने से कम नुकसान होता है।
लेकिन यदि ज्यादा लापरवाही बरती जाए तो ठंडी का तार भी जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए अर्थिंग के लिए ऐसे जगह का चयन करें जहाँ से होकर न के बराबर लोग गुजरते हों। For example, आप अपने घर के पीछे अर्थिंग का कनेक्शन कर सकते हैं।

(ब) अर्थिंग के लिए नमी वाले जगह का चयन करें

ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं जो अर्थिंग लगाने के लिए सूखी जगह का चयन कर लेते हैं लेकिन वहां पर नमी बनाये रखने के लिए उस समय वहां पानी डाल देते हैं। उस समय तो उनका अर्थिंग सही से काम कर जाता है लेकिन बाद में उन्हें low voltage की समस्या आने लगती है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये होती है कि उन्होंने प्राकृतिक नमी वाले जगह का चयन न करके उस जगह को कृत्रिम रूप से नम किया हुआ होता है।
इसलिए जब भी कभी अर्थिंग लगायें तो natural नमी वाले जगह पर ही लगायें। इसके लिए उस जगह का चुनाव करें जहां पर हमेशा ही पानी का बहाव होता रहता हो। आपके चापाकल या नल के पानी के गुजरने वाले रास्ते के बगल में आप उस जगह पर अर्थिंग लगा सकते हैं जहाँ से होकर कम लोग गुजरते होंगे

(स) घर के दरवाजे और खिडकियों के पास अर्थिंग न लगायें

आपके घर के दरवाजे से दिनभर लोगों का आवागमन होता ही रहता है, इसलिए घर के दरवाजे के पास अर्थिंग का कनेक्शन बिल्कुल भी न करें। साथ ही इसके लिए आप वैसे जगह का चयन भी न करें जहां पर बड़ी मात्रा में लोहे या अन्य कोई सुचालक धातु लगा हुआ हो।

(3) जमीन के नीचे ज्यादा गहराई में अर्थिंग लगायें

बहुत सारे ऐसे जगह होते हैं जहाँ धरती के थोड़े-से गहराई में ही अच्छी earthing मिलने लगती है लेकिन कुछ समय बाद वहां से अच्छी अर्थिंग नहीं मिल पाती है। इसलिए अर्थिंग को हमेशा धरती से कम-से-कम 6 फीट नीचे लगायें ताकि future में भी वो सही से काम करे।

(4) Earthing में नमक और कोयले का भी इस्तेमाल करें

नमक और कोयले के इस्तेमाल से लगाया गया अर्थिंग बहुत ही मजबूत और टिकाऊ होता है इसलिए अर्थिंग लगाते वक्त ज्यादा मात्रा में इनका इस्तेमाल करें। साथ ही आप अर्थिंग के गड्ढे को भरने के लिए मिटटी के साथ-साथ गाय का गोबर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

(5) अर्थिंग लगाने के लिए earthing rod का भी करें उपयोग

बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो अर्थिंग लगाने के लिए ऊपर बताये गए सभी तरीकों को अपनाते हैं लेकिन अंत में आकर एक गलती कर देते हैं। दरअसल बहुत सारे लोग जमीन में गड्ढा करके उसमें तार को ही लम्बा छीलकर भर देते हैं। लेकिन इस तरह की अर्थिंग कमजोर माना जाता है। इसलिए यदि आप मजबूत अर्थिंग लगाना चाहते हैं तो गड्ढे में सीधे ही तार को छीलकर न डालें।
इस तार को आप लोहे या किसी अन्य सुचालक धातु की एक चादर के साथ मजबूती से लपेटकर तब चादर सहित उसे गड्ढे में डालें। ऐसा करने से आपका earthig और भी ज्यादा मजबूत होगा और अकेले आपके घर में कभी भी low voltage की समस्या नहीं आयेगी। यदि आप चादर का इस्तेमाल न करना चाहें तो उसके जगह पर लोहे या अन्य किसी सुचालक धातु के लम्बी छड़ अर्थात earthing rod का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद गड्ढे को भरने के लिए आप मिटटी के बजाये गोबर या नमक का भी इस्तेमाल जरूर करें।

(6) Earthing wire के साथ wiring pipe का भी इस्तेमाल करें

अर्थिंग लगाने के बाद उससे निकले हुए तार को किसी भी तरह के बाहरी नुकसान से बचाने के लिए जरूरत के अनुसार height वाले wiring pipe का इस्तेमाल जरूर करें। इससे आपका earthing wire सही-सलामत रहेगा और साथ ही इसमें सटने के बाद किसी को करंट लगने का भय भी नहीं रहेगा।