Jun 14, 2020

How to test armature winding


वाइडिंग परीक्षण ( Testing the winding ) :- 



    आर्मेचर की वाइंडिंग करने के बाद उसके सिरे कम्यूटेटर के साथ जोड़ते है और इसके बाद एक परीक्षण करना आवश्यक हो जाता है । इस परीक्षण से वाइडिंग के दौरान होने वाले दोष ज्ञात किये जा सकते है । आमेचर वाइडिंग में होने वाले सामान्य दोष-
    1. भू सम्पर्कन ( earthed ) , 
    2. कुण्डलियों में लधुपथन ( short circuit ) , 
    3. कुण्डलियों में खुला दोष और क्वायल में खुला दोष और क्वायल के संयोजन उल्टे हो जाता है । 
    ये दोष विभिन्न परीक्षण विधियों से ज्ञात किया जा सकता है ।

    आर्मेचर वाइडिंग प्रतिरोध परीक्षण( Armature winding resistance test )-

    आर्मेचर क्वायल का प्रतिरोध low range के ओह्म मीटर द्वारा मापा जाता है और केल्विन सेतु को इस कार्य के लिए वरियता दी जाती है । सिम्पलैक्स लैप वाइडिंग ( तरंग व मल्टीप्लैक्स वाइन्डिंग के लिए कम्यूटेटर पिच Y की दूरी अनुसार ) की स्थिति में क्रमागत सैग्मेन्टों के बीच प्रतिरोध मापा जाता है । एक के बाद एक ( क्रमिक ) कम्यूटेटर खण्डों के बीच प्रतिरोध मापने की सरल व्यवस्था Fig में दिखाई गई है ।

    जैसा कि Fig में दिखाया गया है कि कॉटन टेप जिसके साथ  counterweight जुड़ा हुआ है इसे कम्यूटेटर के ऊपर से लटकाया जाता  है , इससे जुडी हुई लीड, कम्यूटेटर खण्डों पर पकड बनाये रखती है । इन संयोजन लीड को क्रमागत कम्यूटेटर खण्डों के साथ बारी बारी से जोड कर सभी क्वायल्स का प्रतिरोध मापा जाता है । सभी क्वायत्स का मापा गया प्रतिरोध समान होना चाहिए । यदि बहुत कम प्रतिरोध है तो यह टनों के बीच शार्ट सर्किट को दर्शाता है और यदि अधिक प्रतिरोध मापा गया है तो यह क्वायल्स में ओपन सर्किट को बतायेगा या क्वायल्से में अधिक टनों की संख्या को दर्शायेगा । 

    इन्सुलेशन प्रतिरोध परीक्षण ( Insulation resistance test ) :- 

    एक नंगे ताम्र तार से सभी कम्यूटेटर सेग्मेन्ट को शार्ट सर्किट करेंगे ।  Fig अब एक 250 वोल्ट तक की क्षमता वाले आर्मेचर को 500 वोल्ट वाले मैगर से, कम्यूटेटर सैग्मेन्टों व बॉडी के बीच इन्सुलेशन प्रतिरोध का परीक्षण करेंगे इस इंसुलेशन प्रतिरोध का मान 1 मेगा ओह्म से अधिक होना चाहिए । यदि मापा गया इन्सुलेशन प्रतिरोध 1 मेगाओम से कम हो तो वाइडिंग में नमी या कमजोर इन्सुलेशन होने का संदेह है । इस परीक्षण को कभी - कभी सिरिज प्रतिरोध लैम्प से भी किया जाता है और इसे 'भू सम्पर्क ' परीक्षण भी कहते है । यह परीक्षण केवल क्वायल के भू - सम्पर्कित होने पर ही संकेत  करता है और इन्सुलेशन प्रतिरोध को नहीं ।

    ग्राऊलर परीक्षण ( Growler test ) :- 

    आर्मेचर क्वायल में शार्ट सर्किट व क्वायल में ओपन सर्किट परीक्षण करने की सरल व सबसे सामान्य विधि ग्राउलर परीक्षण विधि है । 

    ग्राउलर ( Growler ) : -

    दो प्रकार के ग्राउलर होते है - 
    (1) आन्तरिक ग्राऊलर
    (2) बाहरी ग्राऊलर । 

    बाहरी ग्राऊलर का उपयोग छोटे आमचरों का परीक्षण करने के लिए किया जाता है और आन्तरिक ग्राऊलर का उपयोग बडे DC आर्मेचर और AC मोटर स्टेटर की वाइडिंग का परीक्षण करने के लिए किया जाता है ।

    बाहरी ग्राऊलर ( External growler ): 

    Fig में एक बाहरी ग्राऊलर दिखाया गया है जो कि एक इलैक्ट्रोमैग्नेटिक डिवाइस होती है जिसका उपयोग आर्मेचर में अर्थ फाल्ट, शार्ट सर्किट व क्वायल में ओपन सर्किट फाल्ट की पहचान करने व ये दोष कहां पर है , उस स्थान की पहचान करने के लिए किया जाता है ।
    इस ग्राऊलर में, एक लोह कोड के ऊपर एक क्वायल लिपटी होती है और यह 240 वोल्ट AC लाईन से जुड़ी होती है । सामान्यत कोड H आकार की होती है और इसकी ऊपरी भाग टेपर होता है जिससे इस पर आर्मेचर फिट हो सके Fig में इस ग्राऊलर को दिखाया गया है ।

    जब ग्राऊलर क्वायल को प्रत्यावर्ती धारा दी जाती है, तो इंडक्शन क्रिया द्वारा आर्मेचर कुण्डलियों में वोल्टेज उत्पन्न हो जाती है । 

    आन्तरिक ग्राऊलर ( Internal growler ) : 

    एक आन्तरिक ग्राऊलर जो प्रायः AC मोटरों के स्टेटर के लिए उपयोग होता है , यह आर्मेचरों के लिए भी उपयोग होता है । ये अतनिर्मित फिलर के साथ या फिलर रहित बनाये जाते है । अतनिर्मित फिलर ( built - in feelers ) ग्राऊलर के साथ एक flexible blade को जुडा होता है इसलिए अतिरिक्त हैक्सा ब्लेड की आवश्यकता नही पड़ती है । छोटे स्टेटरो में विशेषतया इस प्रकार के ग्राऊलर की आवश्यकता होती है जिनमें पृथक फिलर के लिए स्थान नही होता है । Fig  में एक पृथक फिलर युक्त आन्तरिक ग्राऊलर दिखाया गया है , जो बड़े आमचरों के लिए उपयोग होता है । 

    अर्थ फाल्ट वाइंडिंग के लिए ग्राऊलर परीक्षण ( Growler test for grounded coil ) : 

    जिस आर्मेचर का परीक्षण किया जाना है उसे ग्राऊलर पर रखा जाता है और तब सप्लाई का स्विच ' ऑन ' कर दिया जाता है जैसा कि Fig में दिखाया गया है, अब मीटर की एक लीड को कम्यूटेटर के सबसे ऊपर वाले खण्ड पर रखें , और मीटर की दूसरी लीड शॉफ्ट पर रखें । यदि मीटर पर पाठ्यांक दिखें , तो आर्मेचर को घुमा कर दूसरे कम्यूटेटर खण्ड को इस प्रकार ले आयें जिस प्रकार पहले था और पूर्व की तरह परीक्षण करें । जब मीटर कोई विक्षेप न दे, तो यह संकेत है कि इस कम्यूटेटर खण्ड से जुडी क्वायल भूसम्पर्कित ( grounded ) है । 

    लघु पथित क्वायल के लिए ग्राऊलर परीक्षण ( Growler test for shorted coil ) : 

    आर्मेचर में लघु परिपथ परीक्षण करने की विधि निम्न प्रकार की है । जिस आर्मेचर को टेस्ट किया जाना है उसे ग्राऊलर पर रख कर स्विच ऑन किया जाता है । अब एक पतला धातु का टुकडा , जैसा कि हेक्सा ब्लेड को आर्मेचर के सबसे ऊपरी स्लॉट पर रखा जाता है जैसा कि Fig  में दिखाया गया है । वाइडिंग में लघुपथन होने की स्थिति में ब्लेड तेजी से कम्पन्न करेगा एक आर्मेचर जिस पर क्रॉस संयोजन या इक्विलाईजर ( equalizers ) लगे हो उस पर हैक्सा ब्लेड वाला परीक्षण नहीं किया जा सकता है । इस प्रकार का आर्मेचर प्रत्येक स्लॉट पर कम्पन्न का कारण बनेगा , जिससे यह संकेत दिखाई देगा कि सभी वाइंडिंग लघु परिपथ है । 

    क्वायल में खुला परिपथ का परीक्षण ( Test for open circuit in coil ): 

    ग्राऊलर के साथ पैनल पर परिवर्तित प्रतिरोध के साथ मीटर ( मिली वोल्ट या अममीटर ) भी लगे होते है । इस स्थिति में आर्मेचर क्वायल मे खुला दोष को निम्न प्रकार ढुंढ सकते है । 

    दोष का एक क्वायल में खुला दोष के परीक्षण की ग्राऊलर विधि ( Growlertest for an open coil ) : 

    ग्राऊलर के साथ एक क्वायल में ओपन सर्किट का पता लगाने के लिए सामान्य तरीके से आर्मेचर को ग्राऊलर पर सैट कर दें । Fig  में दिखाये एक AC मिली - वोल्टमीटर से ऊपर वाले दो पास पास के छड़ों bars को टेस्ट करें । आर्मेचर को घुमायें और निकटतम छड़ों के बीच लगातार परीक्षण करते रहे । जब दो छडे खुली क्वायल के साथ जुडी हो और मिली - वोल्टमीटर इन दो छडों के साथ जुड़ा हो , तो मीटर को संकेतक pointer विक्षेप नहीं देगा । अन्य सभी छडे विक्षेप देगी । खुली क्वायल का यह टेस्ट मीटर के बिना भी किया जा सकता है , इसके लिए एक तार के टुकडे से ऊपर वाली दो छड़ों bars को लघुपथ किया जाता है । यदि तारों को शॉर्ट किया जाये और कोई स्पार्क पैदा न हो तो यह क्वायल में खुला दोष का संकेत है । यह खुलापन या तो कम्यूटेटर छडों में या स्वयं क्वायल में हो सकता है । यह विधि शार्ट सर्किट क्वायल के सिरों के बीच , लघुपथ की स्थिति कहाँ पर है , को ज्ञात करने के लिए भी किया जा सकता है । फिर भी हैक्सा ब्लेड परीक्षण लघुपथित क्वायल की खोज करने की सबसे संतोषजनक विधि है । 

    ड्राप परीक्षण ( Drop test ) : 

    आर्मेचर का सही प्रतिरोध , टनों की संख्या , लघुपथ और खुला पथ और क्वायल में उल्टे संयोजनों की जाँच करने की सबसे यथार्थ विधि ड्राप टेस्ट है । एक पोल पिच की दूरी पर कम्यूटेटर खण्डों के आर - पार में कम वोल्टेज की DC प्रदान करें । परिपथ केसिरिज में एक परिवर्ति प्रतिरोध जोड दें । DC प्रदाय का स्विच ऑन करें और Fig a और b के अनुसार निकटवर्ती कम्यूटेटर खण्डों से एक मिली वोल्टमीटर जोड दें । 

    परिवर्ती रिहोस्टेट ( variable rheostat ) के उपयोग से वोल्टमीटर की रिडिंग को विशिष्ट मान तक समायोजित करें । आमेचर को एक दिशा में घुमाते हुए , इसके अनुगामी कम्यूटेटर खण्ड से मिली - वोल्टमीटर के पाठ्यांक नोट करें । प्रत्येक बार पाठ्यांक लेते समय कम्यूटेटर खण्डों की स्थिति व संयोजन पहले वाले सैटअप की तरह ही होनी चाहिए । परिणाम के निष्कर्ष निम्न प्रकार से है । 
    1. यदि सभी पाठ्यांक समान है , तो वाइडिंग सही है । . 
    2. यदि मिली - वोल्टमीटर शून्य या निम्न वोल्टेज पढता है , तो कम्यूटेटर सेगमेन्ट से जुड़ी क्वायल में लघुपथ 
    3. यदि मिली - वोल्टमीटर उच्च वोल्टेज पढता है सैग्मेन्ट से जुडी क्वायल में खुलापन है । 
    4. यदि Fig b के अनुसार मिली - वोल्टमीटर उल्टी दिशा में विक्षेप करता है तो खण्डों से जुडी क्वायल उल्टी जुड गई है । 

    सामान्यतः आर्मेचर के नित्य प्रतिदिन किये जाने वाले परीक्षण इन्सुलेशन प्रतिरोध और लघुपथ केवल जब आर्मेचर वाइडिंग में दोष होने का सन्देह हो जाता है , तब ड्राप टेस्ट किया जाता है ।

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