May 14, 2021

What is eddy current in hindi

What Is Eddy Current In Hindi : इस पोस्ट में हम ट्रांसफार्मर के eddy करंट लॉस के बारे में  जानकारी प्राप्त करेंगे eddy current loss के बारे में जानने से पहले हमे भंवर क्या होती है तथा ट्रांसफार्मर के mutual inductance के बारे में जानना आवश्यक है।

भंवर का नाम तो आपने अक्सर सुना होगा जब कभी तालाब, नदी या समुन्दर में पानी एक ही जगह गोल गोल घूमता है या कई बार आपने हवा को भी एक ही जगह गोल गोल घूमते हुए देखा होगा इस गोल गोल घूमने को ही भंवर कहते है अब आपकी समझ में कुछ कुछ आ रहा होगा की भंवर धारा क्या होती है। अब आगे समझते है की transformer में mutual inductance क्या होता है 


अन्योन्य प्रेरण (Mutual inductance)

जब हम किसी एक coil में परिवर्तित धारा प्रवाहित करते है तो उस coil में एक मैग्नेटिक फ्लक्स उत्पन्न हो जाता है अब यदि इस coil के पास एक अन्य coil और रख दी जाये तो यह मैग्नेटिक फ्लक्स उस दूसरी coil को लिंक करेगा जिसके कारण दूसरी coil में प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है इस घटना को अन्योन्य प्रेरण कहते है यह emf  तब तक उत्पन्न होता रहेगा जब तक की फ्लक्स में परिवर्तन होता रहेगा इसलिए म्यूच्यूअल inductance के प्रभाव को उत्पन्न करने के लिए परिवर्तित विधुत धारा की आवश्यकता होगी।

अन्योन्य प्रेरण (Mutual inductance) की व्याख्या 

चित्र में दिखाएँ अनुसार Coil A के साथ switch S , Battery B को जोड़ते है इस coil को primary coil कहते है।  तथा इसके पास एक अन्य coil B को रख देते है जिसे secondary coil कहते है जिसमे हम एक धारामापी (गैल्वेनोमीटर) लगा देते है 

जब switch S को बंद किया जाता है तो primary coil में धारा I प्रवाहित होने लगती है , प्रतिरोध R का मान परिवर्तित करके हम primary coil में धारा के मान को परिवर्तित करते है जिससे primary coil में परिवर्तित धारा प्रवाहित होने लगती है।

primary coil में परिवर्तित धारा प्रवाहित होने से coil में से परिवर्तित चुंबकीय फ्लक्स उत्पन्न होता है यह चुंबकीय फ्लक्स पास में रखी secondary coil से लिंक करता है जिससे secondary coil में प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है , परिणामस्वरूप धारामापी में विक्षेप उत्पन्न हो जाता है जो यह प्रदर्शित करता है की secondary coil में भी धारा प्रवाहित हुई है।

यदि primary coil में धारा के मान में कोई परिवर्तन न हो तो द्वितीयक कुण्डली में लगे धारामापी में कोई विक्षेप नहीं आयेगा।

यदि primary coil में परिवर्तित धारा का मान बढाया जाए तो विक्षेप अधिक प्राप्त होता है। secondary coil में उत्पन्न प्रेरित धारा की दिशा इस प्रकार होती है की यह सम्बद्ध फ्लक्स में परिवर्तन का विरोध करती है।

ट्रांसफार्मर में एडी करंट लॉस (Eddy current loss in transformer)

ट्रांसफार्मर में हम प्राइमरी वाइंडिंग को जब अल्टेरनेटिंग करंट सप्लाई से जोड़ते है तो इस अल्टेरनेटिंग करंट के कारण ट्रांसफार्मर कोर में अल्टेरनेटिंग मैग्नेटिसिंग फ्लक्स उत्पन्न करता है और यह फ्लक्स सेकण्ड्री वाइंडिंग से लिंक करता है जिसके कारण सेकेंडरी वाइंडिंग में एक वोल्टेज उत्पन्न होती है परिणामस्वरूप इस सेकेंडरी से कनेक्टेड लोड के कारण इसमें एक धारा का प्रवाह होता है। 

इसमें से कुछ अल्टेरनेटिंग फ्लक्स ट्रांसफार्मर के अन्य पार्ट जैसे स्टील कोर या आयरन बॉडी इत्यादि से लिंक करता है जिसके कारण इन पार्ट में भी लोकली एक emf उत्पन्न हो जाता है। 

इस emf के कारण ट्रांसफार्मर के इन पार्ट्स में एक करंट फ्लो होता है इस करंट का ट्रांसफार्मर के बाहरी परिपथ में कोई योगदान नहीं होता है जिसके कारण ट्रांसफार्मर के इन भागो में हीट उत्पन्न हो जाती है इस हीट के कारण ट्रांसफार्मर में हुई एनर्जी की हानि ही ट्रांसफार्मर का एड़ी करंट लोस्स कहलाता है। 

भंवर धारा हानियों को कम करने के लिये ट्रांसफार्मर की कोरो को अनेक पटलों,(पतली-पतली) या पत्तियों को जोड़कर बनाया जाता है । इस की कोर पटलित (laminated) कहलाते हैं । इन कोर पर वार्निश की पतली पर्त चढ़ा दी जाती है जिसके कारण चुम्बकीय बल रेखाओं का पथ छोटा हो जाता है । धाराओं के क्षीर्ण होने से कोर कम गर्म होती है ।


Eddy Current Loss को प्रभावित करने वाले कारक 

भंवर धारा हानियाँ निम्न कारको पर निर्भर करती है।

  • अधिकतम फ्लक्स घनत्व ( Bmax)
  • कोर की मोटाई t
  • सप्लाई आवृत्ति(f) 
  • कोर के आयतन V पर ।

उपरोक्त सूत्र से स्पष्ट है कि भंवर धारा हानियाँ कोर की मोटाई t के वर्ग के समानुपाती होती है। यदि पटलों की मोटाई कम कर दी जाये तो भंवर धारा हानियाँ को भी कम किया जा सकता हैं। यही कारण है कि ट्रांसफार्मर तथा अन्य मशीनों को पतली कोर द्वारा बनाया जाता है। कोर हानियों को ट्रांसफार्मर के खुले परिपथ परीक्षण द्वारा ज्ञात करते हैं।

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