May 23, 2020

Insurance Policy क्या है


दोस्तों, आज के समय इंसान की जीवनशैली बहुत ज्यादा बदल गई है आज मशीनी युग होने के कारन मनुष्य के द्वारा किया जाने वाला हार्ड वर्क (Hard Work) भी लगभग समाप्त सा हो गया है इसके कारण आज मनुष्य में विभिन्न प्रकार की बीमारिया दिन प्रतिदिन जकड़ती जा रही है और मनुष्य का जीवन काल पहले की अपेछा धीरे धीरे कम होता जा रहा है आज के समय में मनुष्य का खान पान में फ़ास्ट फ़ूड का समावेश हो जाने के कारण मानव शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा नुकसानदायक होता जा रहा है उपरोक्त दोनों कारणों से मनुष्य की जीवनशैली पूर्णतया बदल गयी है जिसके  कारण मनुष्य विभिन्न प्रकार की बिमारियों से ग्रसित होता जा रहा है ऐसे में यदि उसे कोई ऐसी बीमारी हो जाये जिसके इलाज के लिए उसे बहुत ज्यादा राशि व्यय करनी पड़े तो उसे इलाज से पहले अपने घर खर्च को चलाने के लिए सोचना पड़ता है ऐसे में इलाज करवाना उसकी मज़बूरी हो जाती है परन्तु आर्थिक परेशानी के कारण उस पर मुसीबतो का पहाड़ टूट पड़ता है ऐसे में अपने आप को और परिवार को सुरक्षित रखने के लिए एक योजना है जिसे बिमा पालिसी (Insurance Policy) कहते है 


दोस्तों बिमा पालिसी (Insurance Policy) अलग अलग प्रकार की होती है आजकल स्टूडेंट्स के जीवन को secure करने के लिए भी सभी विद्यालयो, महाविधालयो और प्रशिक्षण संस्थानों में भी स्टूडेंट बिमा पालिसी को अनिवार्य कर दिया गया
दोस्तों, बीमा भविष्य में किसी नुकसान की आशंका से निपटने का हथियार है. हमें नहीं पता कि कल क्या होगा, इसलिए हम बीमा पॉलिसी (Insurance Policy) के जरिये भविष्य में संभावित नुकसान की भरपाई की कोशिश करते हैं, इंश्योरेंस का मतलब जोखिम से सुरक्षा है, Life Insurance Policy एक प्रकार का बीमा उत्पाद है जो बीमित व्यक्ति की चिकित्सा और सर्जिकल लागत को कवर करता है। यह बीमारी या चोट के कारण होने वाले ख़र्चों की पूर्ण या आंशिक राशि की प्रति-पूर्ति करता है। कई मामलों में, बीमा (Insurance) के प्रकार के आधार पर यह सीधे बीमित व्यक्ति के देखभाल प्रदाता को भुगतान करता है।अगर कोई बीमा कंपनी किसी व्यक्ति का बीमा करती है तो उस व्यक्ति को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी ही करती है । 
दोस्तों, जहां किसी मनुष्य की जीवन बीमा की बीमा राशि के लिए कोई आदर्श राशि नहीं होती है फिर भी इस संदर्भ में बाज़ार आधारित दो नियम बनाए गए हैं:-
पहला, आपकी बीमा राशि मनुष्य की कुल वार्षिक आय की कम से कम 50% होनी चाहिए। और दूसरा , बीमा सुरक्षा में कम से कम बीमार वयक्ति के पसंद के अस्पताल में कोरोनरी आर्टरी बाइपास ग्राफ्ट की लागत के बराबर तो होना ही चाहिए। अधिकतम निजी वित्तीय विशेषज्ञ कम से कम 5 लाख तक की बीमा सुरक्षा की सलाह दी जाती हैं।  व्यक्ति अपने परिवार के सदस्यों की बीमा सुरक्षा के लिए इतनी ही राशि की फैमिली फ्लोटर ले सकते हैं।
बीमा (Insurance) कितने प्रकार का होता है?
दोस्तों, बीमा दो प्रकार का होता है:
1 जीवन बीमा (Life Insurance)
2 साधारण बीमा (General Insurance)

जीवन बीमा ( Life Insurance):
जीवन बीमा ( Life Insurance) से तात्पर्य यह है कि बीमा पॉलिसी खरीदने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके आश्रित को बीमा कंपनी की तरफ से मुआवजा दिया जाता है इस पॉलिसी के तहत यदि परिवार के मुखिया की अचानक से मृत्यु हो जाती है तो घर का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता है ऐसे में परिवार के मुख्य व्यक्ति की पत्नी/बच्चे/माता-पिता आदि को आर्थिक संकट से बचाने के लिए जीवन बीमा पॉलिसी लेना जरूरी होता है, वित्तीय योजना में सबसे पहले किसी व्यक्ति को जीवन बीमा ( Life Insurance)पॉलिसी खरीदने का सुझाव दिया जाता है

साधारण बीमा (General Insurance)-
साधारण बीमा में वाहन, घर, पशु, फसल, स्वास्थ्य आदि सभी शामिल हैं

स्वास्थ्य बीमा ( Health Insurance):- दोस्तों आजकल दिनप्रतिदिन बीमारियों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है ऐसे में इलाज का खर्च भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है. स्वास्थ्य बीमा करवाने से  बीमारी होने पर बीमा कंपनी इलाज का खर्च कवर करती है. स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत इंश्योरेंस कंपनी किसी भी तरह की बीमारी होने पर इलाज पर खर्च होने वाली रकम देती है. साथ ही किसी बीमारी पर होने वाले खर्च की सीमा स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर निर्भर करती है

स्टूडेंट बीमा (Student Insurance)- दोस्तों आजकल स्टूडेंट्स के जीवन को secure करने के लिए भी सभी विद्यालयो, महाविधालयो और प्रशिक्षण संस्थानों में भी स्टूडेंट बिमा पालिसी को अनिवार्य कर दिया गया इस पालिसी के तहत अंग भांग होने या मृत्यु होने पर स्टूडेंट को उसके साथ हुए एक्सीडेंट के अनुसार बीमा राशि प्रदान की जाती है

घर का बीमा ( House Insurance)- अगर कोई व्यक्ति अपने घर का बीमा किसी साधारण बीमा कंपनी से करवाता हैं तो इसमें  घर की सुरक्षा होती है, बीमा पॉलिसी खरीदने के बाद अगर मकान को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो उसका हर्जाना बीमा कंपनी देती है उस व्यक्ति के घर को किसी भी तरह के नुकसान से कवरेज इस बीमा पॉलिसी में शामिल है. घर को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान में आग, भूकंप, आकाशीय बिजली, बाढ़ आदि की वजह से होने वाला नुकसान शामिल है. कृत्रिम आपदा में घर में चोरी होना, आग, लड़ाई-दंगे आदि की वजह से घर को हुआ नुकसान शामिल भी है

वाहन बीमा ( Motor Insurance):- दोस्तों, सड़क पर चलने वाले किसी वाहन का बीमा कराना कानूनन बहुत जरूरी है. अगर कोई व्यक्ति अपने वाहन का बीमा कराये बिना उसे सड़क पर चलाता हैं तो ट्रैफिक पुलिस उस व्यक्ति को जुर्माना कर सकती है, मोटर या वाहन बीमा पॉलिसी के अनुसार वाहन को हुए किसी भी नुकसान के लिए बीमा कंपनी मुआवजा देती है और यदि  वाहन चोरी हो हो जाता है या उससे कोई दुर्घटना हो जाती है तो वाहन बीमा पॉलिसी बीमाधारक की मदद भी कर सकती है
वाहन बीमा पॉलिसी का सबसे अधिक फायदा आपको तब होता है जब वाहन से किसी व्यक्ति को चोट लग गई या किसी व्यक्ति की मौत हो गई हो और इसे थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) के तहत कवर किया गया है इसलिए किसी भी वाहन धारक को दोपहिया/तिपहिया वाहन या कार (Car) का  बीमा जरूर कराना चाहिए

यात्रा बीमा ( Travel Insurance):- यात्रा बीमा किसी यात्रा के दौरान व्यक्ति को होने वाले नुकसान से बचाती है. अगर कोई व्यक्ति किसी काम से या घूमने के लिए अपने होमटाउन से बाहर जाता हैं और उसे चोट लग जाती है या सामान गुम हो जाता है तो बीमा कंपनी उसे मुआवजा देती है. ये यात्रा बीमा पॉलिसी यात्री की यात्रा शुरू होने से लेकर यात्रा खत्म होने तक ही वैध होता है

फसल बीमा ( Crop Insurance):- दोस्तों फसल बीमा पॉलिसी के तहत फसल को किसी भी तरह का नुकसान होने पर बीमा कंपनी किसान को उसका मुआवजा देती है. फसल बीमा पॉलिसी के तहत आग लगने, बाढ़ की वजह से या किसी फसल की बीमारी की वजह से फसल खराब होने पर बीमा कंपनी की तरफ से मुआवजा दिया जाता है 

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