चालकता और विशिष्ट चालकता (Conductance and specific conductance In Hindi)
चालकता प्रतिरोध का विलोम होती है जहां पर प्रतिरोध किसी भी चालक में धारा प्रवाह के विरोध के रूप में मापा जाता है अर्थात प्रतिरोध किसी भी चालक में से धारा प्रवाह में बाधा उत्पन्न करता है।
चालकता को किसी चालक में धारा के प्रवाह में सहयोग के रूप में मापा जाता है अर्थात चालकता किसी चालक में धारा प्रवाह में सहयोग प्रदान करती है।
R=ρ(L/A)
OR
G= 1/R
G= (1/ ρ)x(A/L)
G= (σA)/L
जहां पर σ को चालक की विशिष्ट चालकता कहा जाता है। चालकता की ईकाई साईमन है तथा इसे म्हो भी कहा जाता है। साईमन को S द्वारा तथा म्हो को ℧ को द्वारा दर्शाया जाता है।
उपरोक्त समीकरणों से यह निष्कर्ष निकलता है कि-
σ=(GL/A)
σ=(G siemens X L metre)/A metre2
σ=G(L/A) Siemens/metre
OR
σ=1/R
σ=(G siemens X L metre)/A metre2
σ=G(L/A) Siemens/metre
OR
σ=1/R
अतः विशिष्ट चालकता की ईकाई साईमन/मीटर (S/m) होगी।
Conductance and specific conductance In English-
Conductivity is the inverse of resistance where the resistance is measured as the resistance of the current in any conductor, ie the resistance impedes the current through any conductor.
Conductivity is measured as the association of current in a conductor, that is, conductivity contributes to the flow of current in a conductor.
R=ρ(L/A)
OR
G= 1/R
G= (1/ ρ)x(A/L)
G= (σA)/L
Where σ is called the specific conductivity of the conductor. The unit of conductivity is Simen and is also called Mho. Simen is represented by S and Mho is represented by ℧.
From the above equations it is concluded that-
σ = (GL/A)
= (G siemens X L metre) / A metre2
= G (L/A) Siemens/metre
OR
σ=1/R
Therefore, the unit of specific conductivity will be the simen / meter (S/m).
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