डी.सी. शंट मोटर-
इस मोटर की शंट वाईडिंग पतली तार और अधिक टर्नों की बनाई जाती है। शंट वाईडिंग पतली तार और अधिक टर्नों की होने के कारण इसका प्रतिरोध अधिक होता है।
इस मोटर की शंट फील्ड वाईडिंग आर्मेचर और सप्लाई वोल्टता के समानान्तर में जुडी होती है। जिसके कारण इसके फील्ड का फलक्स स्थिर होता है और मोटर प्रत्येक भार पर एक जैसी गति पर चलती है। इसका स्टार्टिंग टार्क कुल टार्क का 1.5 गुणा से 2 गुणा तक होता है।
इस मोटर की लोड धारा-
IL= Ish+Ia
Ia=IL-Vsh
जबकि Ish=V/Rsh
यहां-
V= शंट फील्ड वाईडिंग वोल्टता
IL = लोड धारा
Ish= शंट फील्ड की धारा
Rsh= शंट फील्ड का प्रतिरोध
आर्मेचर में वोल्टतापात- IaRa
Volt
Eb=V-IaRa
Ia=(V-Eb)/Ra
आर्मेचर में उत्पन्न शक्ति = Eb Ia
Watt
आर्मेचर में ताम्र हानियां = Ia2Ra
शंट क्षेत्र में ताम्र हानियां = Ish2 Rsh
शंट मोटर का उपयोग-
शंट मोटर की चाल को स्थिर माना जाता है इस लिए इस मोटर का उपयोग लेथ मशीन, पंखे, सी.एन.सी. लेथ व मिलिंग में उपयोग किया जाता है।
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