जिस प्रकार से लोहे के दो टुकड़ो को आपस में जोड़ने के लिए वेल्डिंग मशीन की जरूरत पड़ती है ठीक उसी प्रकार से इलेक्ट्रिकल के दो कंपोनेंट्स को आपस में जोड़ने के लिए सोल्डरिंग मशीन की जरूरत होती है। सोल्डरिंग आयरन इलेक्ट्रिकल रिपेयरिंग के क्षेत्र का एक ऐसा प्रमुख औजार है जिसका इस्तेमाल किसी भी इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट्स या तार का आपस में फिक्स्ड जोड़ बनाने के लिए किया जाता है।
सोल्डरिंग करते समय ध्यान रखने योग्य बिंदु-
- सोल्डर का गलनांक बिंदु जोड़ी जाने वाली धातु के गलनांक बिंदु से कम होना चाहिए
- सोल्डर आसानी से फ़ैल जाना चाहिए
- सोल्डर मजबूत होना चाहिए
- जोड़ी जाने वाली धातु एक दूसरे से भली भाति जुड़ जानी चाहिए
सोल्डर -सोल्डर दो धातुओं की मिश्र धातु है जो की सामान्यत लीड और टिन से तैयार की जाती है यह कम तापमान पर पिघल जाती है यह दो प्रकार का होता है
1. सॉफ्ट सोल्डर
2. हार्ड सोल्डर
1. सॉफ्ट सोल्डर- इसका उपयोग छोटे छोटे पुर्जो तथा तारो को जोड़ने के लिए किया जाता है इसे लीड और टिन को मिलाकर तैयार किया जाता है
2. हार्ड सोल्डर- यह तांम्बे तथा ज़िंक की मिश्र धातु होती है यह सॉफ्ट सोल्डर की अपेक्षा हार्ड होता है इसका गलनांक 350 से 550 डिग्री सेलिसियस होता है
सोल्डरिंग आयरन- सोल्डरिंग आयरन एक बिजली से चलने वाला यंत्र है जिसमें एक हीटिंग एलिमेंट होता है और जब हम इस हीटिंग एलिमेंट को विधुत सप्लाई से जोड़ देते हैं तो यह गर्म होता है और इसके साथ जुड़ी कोपर कि बिट गर्म हो जाती है एक सामान्य बिजली के सर्किट में तार जोड़ने के लिए हमें 125 Watt के सोल्डर आयरन की आवश्यकता होती है जिससे हम बड़ी आसानी से किसी भी तार को किसी सर्किट बोर्ड पर जोड़ सकते हैं. लेकिन सोल्डरिंग आयरन को ज्यादा गरम नहीं करना चाहिए नहीं तो इससे सोल्डरिंग अच्छी तरह से नहीं की जा सकती. सोल्डरिंग आयरन पर सोल्डर वायर को लगा कर देख लेना चाहिए अगर सोल्डर वायर लगाने पर इसमें बहुत ज्यादा धुआं निकलता है तो इसका मतलब सोल्डरिंग आयरन ज्यादा गर्म हो चुका है इसे बंद कर देना चाहिए और थोड़ा ठंडा होने के बाद में सोल्डरिंग करनी चाहिए
सोल्डरिंग आयरन करते समय आपको काफी सावधानी बरतनी चाहिए. जैसे कि सोल्डरिंग आयरन की बीट कोपर की होनी चाहिए. और सोल्डर आयरन की बिट टिनड होनी चाहिए. सोल्डरिंग आयरन कभी भी ज्यादा गरम नहीं करना चाहिए और इसकी बिट को हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए और सोल्डरिंग करने से पहले तार पर फ्लेक्स लगाना ना भूलें
Blow Lamp- इसके द्वारा बड़ी-बड़ी केबलों के जोड़ों को सोल्डर किया जाता है. सबसे पहले जोड़ को चारों तरफ से गर्म किया जाता है. जोड़ गरम होने के बाद में उसके ऊपर ब्रोज़ा या फलक्साइट लगाया जाता है और फिर सोल्डर की छड जोड़ पर लगा दी जाती है और ब्लो लैंप से उस सोल्डर को गर्म किया जाता है. सोल्डर गर्म होने के बाद में उस जोड़ पर समान रूप से फैल जाता है. और सोल्डर जोड़ों के बीच में भर जाता है और जोड़ काफी मजबूत हो जाता है. अगर हम जोड़ को पहले गर्म नहीं करेंगे . तो फिर क्या हुआ सोल्डर उस जोड़ के बीच में अच्छे से नहीं भरेगा और वह जोड़ ज्यादा मजबूत नहीं होगा इसलिए पहले जोड़ों को अच्छी तरह से गर्म किया जाता है फिर उसके ऊपर सोल्डरिंग की जाती है.
Blow Lamp- इसके द्वारा बड़ी-बड़ी केबलों के जोड़ों को सोल्डर किया जाता है. सबसे पहले जोड़ को चारों तरफ से गर्म किया जाता है. जोड़ गरम होने के बाद में उसके ऊपर ब्रोज़ा या फलक्साइट लगाया जाता है और फिर सोल्डर की छड जोड़ पर लगा दी जाती है और ब्लो लैंप से उस सोल्डर को गर्म किया जाता है. सोल्डर गर्म होने के बाद में उस जोड़ पर समान रूप से फैल जाता है. और सोल्डर जोड़ों के बीच में भर जाता है और जोड़ काफी मजबूत हो जाता है. अगर हम जोड़ को पहले गर्म नहीं करेंगे . तो फिर क्या हुआ सोल्डर उस जोड़ के बीच में अच्छे से नहीं भरेगा और वह जोड़ ज्यादा मजबूत नहीं होगा इसलिए पहले जोड़ों को अच्छी तरह से गर्म किया जाता है फिर उसके ऊपर सोल्डरिंग की जाती है.