Matter- ऐसी वस्तु जो स्थान घेरती हो तथा उसमें भार होता हो जिसके कारण वह पृथ्वी की तरफ आकर्षित होती है पदार्थ (Matter) कहलाती है। प्रत्येक पदार्थ परमाणुओं तथा अणुओं से बना होता है। ये तीन प्रकार के हो सकते है जो निम्न प्रकार से है-
Solid - जिस वस्तु का निश्चित भार, आयतन एवं आकार होता है वह ठोस (Solid) पदार्थ कहलाता है।
Liquid - जिस वस्तु का निश्चित भार व आयतन तो होता है परन्तु निश्चित आकार नहीं होता है वह द्रव (Liquid) कहलाता है।
Gas- जिसका निश्चित भार तो होता है परन्तु निश्चित आयतन एवं आकार नहीं होता है। वह गैंस (Gas) कहलाता है।
Molecule- किसी पदार्थ का वह छोटे से छोटा कण जिसमें उस पदार्थ के सभी भौतीक एवं रासायनिक गुण विद्यमान हों और जो स्वतंत्र अवस्था में विद्यमान रह सके अणु (Molecule) कहलाता है।
Atom- किसी पदार्थ का वह छोटे से छोटा कण जो रासायनिक क्रियाओं में भाग ले सके या रासायनिक क्रियओं के द्वारा अलग किया जा सके और स्वतंत्र अवस्था में उपस्थित न रह सके उसे परमाणु (Atom) कहते है।
Element- एक ही प्रकार के परमाणुओं से बने पदार्थ Element कहलाते है। जैसे- कार्बन, लौहा, हाईड्रोजन आदि।
Compound- दो या दो से अधिक प्रकार के परमाणुओं के रासायनिक संयोग से बने पदार्थ यौगिक (Compound) कहलाते है। जैसे-जल, नमक, नौसादर आदि। इनके अवयवों को रासायनिक विधियों से ही पृथक किया जा सकता है।
Mixture- दो यो दो से अधिक प्रकार के पदार्थों को एक निश्चित अनुपात में भौतिक रूप में मिला देने पर बना पदार्थ मिश्रण (Mixture) कहलाता है। इनकें अवयवों का भौतिक विधियों द्वारा ही पृथक किया जा सकता है।
Atomic Structure - परमाणु मुख्यतः प्राटॉन, इलैक्ट्रॉन, एवं न्यूटॉन से बना होता है। प्रत्येक परमाणु के केन्द्र में होता है जिसे नाभिक कहते है। इस नाभिक के चारों और विभिन्न कक्षों में इलैक्ट्रॉन चक्कर लगाते रहते है।
Nucleus- परमाणु का केन्द्रीय सघन भाग नाभिक कहलाता है। इसमें प्राटॉन तथा न्यूट्रॉन स्थित होते है। ये दोनों प्रकार के कण अन्तरा आणविक बल द्वारा नाभिक में बंधे रहते है। परमाणु की नाभिक के चारों और रिक्त स्थान होता है जिसकी विभिन्न कक्षाओं में इलैक्ट्रॉन गति करते रहते है।
Electron, Proton, Neutron-
परमाणु के अन्दर मौजूद सुक्ष्मतम मूलकणों को इलैक्टोन प्रोटोन और न्यूटान कहते है। न्यूटान और प्रोटोन परमाणु की नाभि में विद्यमान रहते है । जबकि परमाणु की नाभिक में कोई भी इलैक्टान विद्यमान नहीं रहता है इलैकटान सदैव नाभि के चारों और गति करते रहते है।
Electron - ये वे कण होते है जिन पर ऋणात्मक आवेश होता है ये वजन में बहुत हल्के होते है।
आवेश- -1.6X10-19 C
भार - 9.1X10-31 Kg
प्राटोन - ये वे कण होते है जिन पर धनातमक आवेश होता है प्रोटोन वजन में कुछ भारी होते है।
आवेश- +1.6X10-19 C
भार - 1.67X10-27 Kg
न्यूटान -ये वे कण होते है जिन पर कोई भी आवेश विद्यमान नहीं रहता है ये वजन में बहुत ही हल्के होते है।
आवेश- शून्य
भार - 1.67X10-27 Kg
Engineering Material- ऐसे पदार्थ जो विधुत अभियान्त्रिकी के क्षेत्र में प्रयोग में लिये जाते है विधुत अभियान्त्रिकी पदार्थ कहलाते है।
1. Conductor (चालक)
2. Semiconductor (अर्द्धचालक)
3. Insulator (अचालक)
4. Magnetic Material (चुम्बकीय पदार्थ)
1- Conductor Material (चालक पदार्थ) - ऐसे पदार्थ जिसमें विधुत धारा का प्रवाह आसानी से हो सकता हो चालक पदार्थ कहलाता है। इनकी चालकता बहुत अधिक होती है इनमें कमरे के तापमान पर मुक्त इलैक्ट्रान की संख्या बहुत अधिक मात्रा में होती है जिसके कारण इनमें धारा का प्रवाह सुगमता से होता है। चांदी विधुत का बहुत अच्छा चालक है इसमें मुक्त इलैक्ट्रॉन की संख्या बहुत अधिक होती है। जैसा:- चांदी, सोना, ताबंा, एल्युमिनियम इत्यादि।
एक अच्छे चालक में निम्न प्रकार के गुण होने चाहिए:-
1. कम विशिष्ट प्रतिरोध।
2. जंगरोधि।
3. अधिक यांत्रिक श्क्ति।
4. अधिक गंलनाक बिन्दु।
5. तार खीचनें योग्य।
6. आसानी से सोल्डर होने योग्य।
7. आसानी से उपलब्ध होना चाहिए।
8. कम कीमती।
2- Semiconductor Material (अर्द्धचालक पदार्थ):- ऐसे पदार्थ जिनकी चालकता चालक और अर्द्धचालक पदार्थों के बीच की हो अर्थात वे पदार्थ जो विधुत के न तो अच्छे चालक हो और नहीं अच्छे कुचालक हो अर्द्धचालक पदार्थ कहलाते है। सामान्य तापमान पर इन पदार्थों की चालकता बहुत ही कम होती है जैसे जैसे तापमान बढता इनकी चालकता भी तेजी से बढती जाती है। जैसे की:-जर्मेनियम, सिलिकॉन, गैलियम, आर्सेनिक आदि।
अर्द्धचालकों के गुण:-
1. इनकी दक्षता अधिक होती है।
2. इनमें विधुत श्क्ति व्यय कम होता है।
3. ये हल्के तथा आकार में छोटे होते है।
4. ये वातावरण के प्रभाव से मुक्त होते है।
3- Insulator (अचालक)- ऐसे पदार्थ जिनमें धारा का प्रवाह आसानी से नहीं होता है अचालक पदार्थ कहलाते है। अचालक पदार्थों में इलैक्ट्रॉन Nucleus के साथ Tightly Bounded होते है इसके कारण वे पदार्थ में असानी से गति नहीं कर पाते है। इन पदार्थों में मुक्त इलैक्ट्रोनों की संख्या भी बहुत कम अथवा नगण्य होती है जिसके कारण इन पदार्थों में धारा प्रवाह नहीं होता है। इनका प्रतिरोध बहुत अधिक होता है तथा चालकता बहुत ही कम होती है अथवा नगण्य होती है।
Electron, Proton, Neutron-
परमाणु के अन्दर मौजूद सुक्ष्मतम मूलकणों को इलैक्टोन प्रोटोन और न्यूटान कहते है। न्यूटान और प्रोटोन परमाणु की नाभि में विद्यमान रहते है । जबकि परमाणु की नाभिक में कोई भी इलैक्टान विद्यमान नहीं रहता है इलैकटान सदैव नाभि के चारों और गति करते रहते है।
Electron - ये वे कण होते है जिन पर ऋणात्मक आवेश होता है ये वजन में बहुत हल्के होते है।
आवेश- -1.6X10-19 C
भार - 9.1X10-31 Kg
प्राटोन - ये वे कण होते है जिन पर धनातमक आवेश होता है प्रोटोन वजन में कुछ भारी होते है।
आवेश- +1.6X10-19 C
भार - 1.67X10-27 Kg
न्यूटान -ये वे कण होते है जिन पर कोई भी आवेश विद्यमान नहीं रहता है ये वजन में बहुत ही हल्के होते है।
आवेश- शून्य
भार - 1.67X10-27 Kg
Engineering Material- ऐसे पदार्थ जो विधुत अभियान्त्रिकी के क्षेत्र में प्रयोग में लिये जाते है विधुत अभियान्त्रिकी पदार्थ कहलाते है।
1. Conductor (चालक)
2. Semiconductor (अर्द्धचालक)
3. Insulator (अचालक)
4. Magnetic Material (चुम्बकीय पदार्थ)
1- Conductor Material (चालक पदार्थ) - ऐसे पदार्थ जिसमें विधुत धारा का प्रवाह आसानी से हो सकता हो चालक पदार्थ कहलाता है। इनकी चालकता बहुत अधिक होती है इनमें कमरे के तापमान पर मुक्त इलैक्ट्रान की संख्या बहुत अधिक मात्रा में होती है जिसके कारण इनमें धारा का प्रवाह सुगमता से होता है। चांदी विधुत का बहुत अच्छा चालक है इसमें मुक्त इलैक्ट्रॉन की संख्या बहुत अधिक होती है। जैसा:- चांदी, सोना, ताबंा, एल्युमिनियम इत्यादि।
एक अच्छे चालक में निम्न प्रकार के गुण होने चाहिए:-
1. कम विशिष्ट प्रतिरोध।
2. जंगरोधि।
3. अधिक यांत्रिक श्क्ति।
4. अधिक गंलनाक बिन्दु।
5. तार खीचनें योग्य।
6. आसानी से सोल्डर होने योग्य।
7. आसानी से उपलब्ध होना चाहिए।
8. कम कीमती।
2- Semiconductor Material (अर्द्धचालक पदार्थ):- ऐसे पदार्थ जिनकी चालकता चालक और अर्द्धचालक पदार्थों के बीच की हो अर्थात वे पदार्थ जो विधुत के न तो अच्छे चालक हो और नहीं अच्छे कुचालक हो अर्द्धचालक पदार्थ कहलाते है। सामान्य तापमान पर इन पदार्थों की चालकता बहुत ही कम होती है जैसे जैसे तापमान बढता इनकी चालकता भी तेजी से बढती जाती है। जैसे की:-जर्मेनियम, सिलिकॉन, गैलियम, आर्सेनिक आदि।
अर्द्धचालकों के गुण:-
1. इनकी दक्षता अधिक होती है।
2. इनमें विधुत श्क्ति व्यय कम होता है।
3. ये हल्के तथा आकार में छोटे होते है।
4. ये वातावरण के प्रभाव से मुक्त होते है।
3- Insulator (अचालक)- ऐसे पदार्थ जिनमें धारा का प्रवाह आसानी से नहीं होता है अचालक पदार्थ कहलाते है। अचालक पदार्थों में इलैक्ट्रॉन Nucleus के साथ Tightly Bounded होते है इसके कारण वे पदार्थ में असानी से गति नहीं कर पाते है। इन पदार्थों में मुक्त इलैक्ट्रोनों की संख्या भी बहुत कम अथवा नगण्य होती है जिसके कारण इन पदार्थों में धारा प्रवाह नहीं होता है। इनका प्रतिरोध बहुत अधिक होता है तथा चालकता बहुत ही कम होती है अथवा नगण्य होती है।
उदाहरण - रबर, प्लास्टिक, कांच, सिरेमिक,पी वी सी आदि ।
उपयोग - चालक तारों के आवरण के लिए, विद्युतरोधी वस्तुओं के निर्माण में ।
कुचालक के गुण (Properties Of Insulator)-
● प्रतिरोध उच्च होना चाहिए ।
● सस्ता एवं सरलता से उपलब्ध होना चाहिए ।
● कुचालक पदार्थ मजबूत और जलरोधी होना चाहिए ।
● सस्ता एवं सरलता से उपलब्ध होना चाहिए ।
● कुचालक पदार्थ मजबूत और जलरोधी होना चाहिए ।