Nov 11, 2018

परिपथ(Circuit)- सर्किट एक बंद लूप को कहते हैं जिसमें चालकों, प्रतिरोधकों इत्यादि से होकर विद्युत् धारा प्रवाहित होती हैं।

नोड(Node)- नोड यानि की जंक्शन जहाँ विद्युत् परिपथ के दो या दो से अधिक चालक या कोई अन्य तत्व आकर मिलते हैं, नोड कहलाते हैं।
लूप(Loop)- लूप एक बंद परिपथ को कहते हैं, जिसमें सर्किट से संबंधित तत्व या नोड एक से ज्यादा नही होते हैं।
किरचाॅफ का नियम क्या है ? Kirchhoff law in hindi-
1845 में गुस्ताव किरचॉफ नाम के जर्मन भौतिक विज्ञानी ने विद्युत परिपथों में होनेवाली इन्हीं परेशानियों का हल निकालने के लिये वोल्टता एवं धारा सम्बन्धी दो नियम प्रतिपादित किये। ये दोनों नियम किरचॉफ के परिपथ के नियम (Kirchhoff's Circuit Laws) कहे जाते हैं। ओम के नियम की तरह ही किरचॉफ के नियमों का भी वैद्युत इंजीनियरी के क्षेत्र में बहुत महत्व हैं।
किरचॉफ ने परिपथ के जिन दो नियमों को बताया वे इस प्रकार हैं -
१. प्रथम नियम - किरचॉफ का धारा (Current) का नियम (Kirchhoff's current law-KCL)
२. द्वितीय नियम- किरचॉफ का विभवान्तर (voltage) का नियम (Kirchhoff's voltage law-KVL)
किरचॉफ का पहला नियम-
(Definition of Kirchhoff's current law) - विद्युत परिपथ में किसी भी बिन्दु या संधि(junction or node) पर मिलने वाली धाराओं का बीजगणितीय योग (algebraic sum) शून्य होगा।
दुसरे शब्दों में कहे तो - Electric Circuit में किसी संधि या जंक्शन (जहाँ दो से अधिक चालक आकर मिलते हैं) पर आने वाली धाराओं का योग वहां से जानेवाली धाराओं के योग के बराबर होती है I
इसे किरचॉफ का ‘संधि नियम’ ‘जंक्शन का नियम’ या ‘बिन्दु नियम’ भी कहते है। यह आवेश के संरक्षण के नियम पर आधारित है।
चित्र से
            i1 + i2 + i3 - i4 - i5 - i6 - i7 - i8 = 0 
OR        i1 + i2 + i3 = i4 + i5 + i6 + i8 
किरचॉफ का दुसरा नियम-
किरचॉफ के विभवान्तर के नियम की परिभाषा (Definition of Kirchhoff's voltage law)- “किसी बंद लूप या परिपथ में विद्युत वाहक बल का बीजगणितीय योग उस परिपथ के प्रतिरोधकों के सिरों पर उत्पन्न विभवान्तरों के बीजगणितीय योग के बराबर होता हैं।
दुसरे शब्दों में कहे तो - किसी  लूप के सभी विभवान्तरों का बीजगणितीय योग शून्य होता है। इसे किरचॉफ का लूप  नियम भी कहते है। यह ऊर्जा के संरक्षण के नियम पर आधारित है।