इस पोस्ट में DC Theory से सम्बंधित कुछ Important Points दिए गए है जो आईटीआई की परीक्षा के साथ साथ अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओ के लिए भी महत्वपूर्ण है।
👉जिस परिपथ में प्रतिरोधक के विद्युत धारा का एक मार्ग ही होता है । उसे सिरीज परिपथ कहलाता है ।
👉सिरीज क्रम में धारा का मान समान होता है । सिरीज क्रम में वोल्टेज का मान अलग अलग होता है ।
👉सिरीज क्रम में समान मान का प्रतिरोध को उतने ही प्रतिरोध स गुणा करते है । R = n . R
👉सिरीजक्रम में कुल प्रतिरोध = R1 + R2 + R3 + R4 होता है ।
👉श्रेणीक्रम संयोजन मे धारा का मान समान तथा वोल्टेज का मान असमान होता है ।
👉श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग सजावटी कार्यो आदि मे किया जाता है ।
👉वह संयोजन जिसमे धारा गुजरने के लिए एक से अधिक मार्ग हो तो समान्तर संयोजन कहलाता है ।
👉समानान्तर क्रम संयोजन का उपयोग भवन, रोड लाइट, आदि मे किया जाता है ।
👉समान्तर क्रम में वोल्टेज का मान समान होता है । समान्तर क्रम में विद्युत धारा का मान अलग अलग होता है ।
👉समान्तर क्रम में कुल मान सबसे छोटा प्रतिरोध के मान से कम होता है ।
👉वोल्टमीटर को समान्तर क्रम में जुडा जाता है ।
👉समान्तरक्रम में प्रतिरोध का सुत्र कुल प्रतिरोध RT=R1+R2+R3+R4 होता है, श्रेणी एवं समान्तर मे शक्ति खर्च समान होती है ।
👉एमीटर का प्रतिरोध वोल्टमीटर के प्रतिरोध कि अपेक्षा बहुत कम होता है ।
👉वैद्युतिक ऊर्जा को KWH मे मापा जाता है ।
👉किरचौफ का नियम ए.सी / डी.सी सिद्वान्त पर कार्यकरता है
👉आने जाने वाली धाराओं के योग के बराबर होता है किरचौफ का प्रथम नियम होता है । इसे किरचौफ का धारा नियम ( KCL ) कहा जाता है ।
👉किरचौफ धारा नियम ( KCL ) में Charge Conservation पर निर्भर करता है ।
👉किसी बन्द डी.सी परिपथ में आरोपित बलो को बीजगणितय योग परिपथ के वोल्टेज ड्राप के योग तुल्य होता है इसे ही किरचॉफ का द्वितीय नियम ( KVL ) कहते है ।
👉किरचौफ धारा नियम ( KVL ) में Energy Conservation पर निर्भर करता है ।
👉कूलाम का नियम बल आवेश तथा दूरी सम्बधित होता है ।
👉उच्च प्रतिरोध को मैगर मे मापा जाता है ।
👉कार्य का मात्रक मिट्रिश पद्वति में जूल होता है ।
👉शक्ति का मात्रक मिट्रिश पद्वति में जूल / सैकण्ड या वाट होता है
👉1 अश्व शक्ति मान मिट्रिश पद्वति में 735.5 वाट होता है ।
👉1 अश्व शक्ति मान विट्रिश पद्वति में 746 वाट होता है ।
👉ऊर्जा का मात्रक मीट्रिक पद्वति में जूल होता है
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