Dec 9, 2018

Electric Circuit, Current, Ampere, Ammeter

Simple Electric Circuit-
एक साधारण विधुत परिपथ में धारा स्रोत से बहना प्रारम्भ कर लोड से होती हुई वापस स्रोत तक चालक के माध्यम से पहुंचती है एक विधुत परिपथ कहलाता हैं विधुत परिपथ में निम्न भाग होते है 


1. उर्जा स्रोत- यह एक सैल होता है जो परिपथ में धारा प्रवाह करने के लिए वोल्टता के माध्यम से बल प्रदान करता है जिससे परिपथ में धारा का प्रवाह होता ह।
2. चालक- यह एक किसी भी सुचालक पदार्थ कव बना तार होता है जिसके माध्यम से परिपथ में धारा प्रवाह होता है।
3. भार - यह एक प्रतिरोधक प्रकार का होता है जो परिपथ में धारा प्रवाह में बाधा उत्पन्न कर विधुत उर्जा को अन्य रूप में रूपान्तरित करता है।
4. नियन्त्रण युक्ति- यह एक स्वीच प्रकार की नियन्त्रण युक्ति होती है जो धारा प्रवाह को प्रारम्भ और बंद करने का कार्य करती है।
Electric current-

उपरोक्त चित्र में एक विधुत परिपथ दिखाया गया है जिसमें एनर्जी स्रोत के रूप में बैटरी का प्रयोग किया गया है और एक प्रतिरोध के रूप में एक लैम्प लगाया गया है। जब हम परिपथ के स्वीच को क्लोज करते है तो लैम्प जलने लगेगा क्योंकी धारा का प्रवाह एनर्जी स्रोत के धनात्मक टर्मिनल से प्रारम्भ होकर लैम्प के माध्यम से होता हुआ वापिस एनर्जी स्रोत के ऋणात्मक टर्मिनल तक होता है। 
धारा का प्रवाह मात्र फ्री इलैक्ट्राॅन का प्रवाह होता है वास्तविक रूप से इलैक्ट्राॅन का प्रवाह परिपथ में बैटरी के ऋणात्मक टर्मिनल से प्रारम्भ होकर लैम्प के माध्यम से होता हुआ वापस बैटरी के धनात्मक टर्मिनल तक पहुंचता है लेकिन पारंपरिक रूप से इलैक्ट्राॅन का प्रवाह धनात्मक से ऋणात्मक टर्मिनल की और माना गया है। 

Ampere-
धारा को I द्वारा दर्षाया जाता है तथा इसका मात्रक एम्पियर है और एम्पियर को A द्वारा दर्षाया जाता है। जब किसी परिपथ में एक ओहम का प्रतिरोध हो तथा उस परिपथ में एक वोल्ट विभव मान का स्रोत लगा हो जिसके कारण परिपथ में से एक सेकेण्ड समय में 6.24 x 1018  इलैक्ट्राॅन का प्रवाह हो तो वह एक एम्पियर मान की धारा कहलाती है।

Ammeter-
हम जानते है कि किसी भी परिपथ में इलैक्ट्राॅन के प्रवाह को न तो हम देख सकते है और नहीं उन्हें काउन्ट कर सकते है इन के प्रवाह के मापन के लिए एक यंत्र का प्रयोग किया जाता है जिसे अमीटर कहते है ।

अमीटर धारा के प्रवाह को ऐम्पियर में मापन करता है तथा इसे परिपथ में प्रतिरोध भार के साथ श्रेणी क्रम में जोडा जाता है। नीचे कुछ ऐम्पियर गुणंक दर्षाये गये है जिनका प्रयोग हम करते है-