अप्रेंटिस क्या है
अपरेंटिस का अर्थ होता है प्रशिक्षु। अप्रेंटिसशिप एक प्रकार की प्रशिक्षण प्रणाली है ये एक प्रकार की ट्रेनिंग प्रक्रिया होती है इसमें किसी सरकारी दफ्तर में या किसी निजी दफ्तर में होने वाले काम का प्रशक्षिण दिया जाता है।
अप्रेन्टिशशिप एक दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली है जिसमे प्रशिक्षु उद्यौगिक पर्यवेक्षण के अंतर्गत ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण (OJT) और कक्षा संबंधित निर्देश दोनों का ज्ञान प्राप्त करता है। इसके माध्यम से प्रशिक्षु कुशल व्यवसाय के व्यावहारिक और सैद्धांतिक पहलुओं को सीखते हैं। अप्रेंटिसशिप 1 या 1.5 साल की कुशलता और योग्यता की ट्रेनिंग होती है इसमें प्रशिक्षु को Stiefund भी दिए जाते हैं। साथ ही साथ आपको उसी आर्गेनाइजेशन में स्थाई नौकरी भी मिलने की संभावना होती है।
अप्रेंटिस एक्ट 1961-
1961 में भारत में प्रशिक्षु अधिनियम बनाया गया था। इस एक्ट के अंतर्गत उद्योगों में प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण के कार्यक्रम को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया था, ताकि प्रशिक्षण पाठ्यक्रम , प्रशिक्षण की अवधि आदि निर्धारित हो जो कि केन्द्रीय शिक्षुता परिषद द्वारा निर्धारित किया गया हो और प्रशिक्षण के लिए उद्योग में उपलब्ध सुविधाएं उपलब्ध हों ताकि प्रशिक्षु सारी सुविधाओं का उपयोग कर सकें।
अप्रेंटिस एक्ट 1961 में अधिनियमित और 1962 में प्रभावी रूप से लागू किया गया था। प्रारंभ में, इस अधिनियम में व्यापार शिक्षुओं के प्रशिक्षण की परिकल्पना की गई थी। लेकिन स्नातक और डिप्लोमा इंजीनियरों के प्रशिक्षण को “स्नातक” और “तकनीशियन” प्रशिक्षु के रूप में शामिल करने के लिए 1973 में इसमें संशोधन किया गया था। 1986 में इस अधिनियम को एक बार और आगे संशोधित किया गया, इसके कार्यक्षेत्र में 10+2 व्यावसायिक धाराओं का प्रशिक्षण “तकनीशियन (व्यावसायिक)” के रूप में प्रशिक्षित जाना तय किया गया।
अप्रेंटिस के लिए योग्यता-
जो छात्र इंजीनियरिंग में डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त कर चुके हैं या +2 की व्यावसायिक योग्यता रखते हैं या उन्होंने 10+आईटीआई किसी ट्रेड से किया है तो आप सरकार द्वारा या निजी क्षेत्र में निकाली गयी अप्रेंटिस भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं। अप्रेंटिसशिप के लिए उम्मीदवार की आयु 16 वर्ष होनी आवश्यक है। इसके लिए कोई ऊपरी आयु सीमा निर्धारित नहीं है।
कैसे करें अप्रेंटिस-
भारत में अप्रेंटिस करने के लिए भारत सरकार ने नेशनल अप्रेंटिस ट्रेनिंग स्कीम या राष्ट्रीय प्रशिक्षु प्राक्षिण योजना लागू की हुई है। अप्रेंटिस के लिए अभियार्थी को इस योजना में पंजीकरण करना आवश्यक है।
भारत में राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना व्यावहारिक ज्ञान और कार्य के क्षेत्र में आवश्यक कौशल के साथ तकनीकी रूप से योग्य युवाओं को सक्षम करने वाला एक वर्ष का कार्यक्रम है। प्रशिक्षुओं को उनके कार्य के स्थान पर संगठन द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। अच्छी तरह से विकसित प्रशिक्षण मॉड्यूल वाले प्रशिक्षित प्रबंधक यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रशिक्षुओं को नौकरी को जल्दी और सक्षम रूप से सीखना शिक्षुता की अवधि के दौरान, प्रशिक्षुओं को एक वजीफा राशि दी जाती है, जिनमें से 50ः भारत सरकार के नियोक्ता के लिए प्रतिपूर्ति होती है प्रशिक्षण अवधि के अंत में प्रशिक्षुओं को भारत सरकार द्वारा प्रवीणता का प्रमाण पत्र जारी किया जाता है जो भारत में सभी रोजगार एक्सचेंजों में वैध रोजगार अनुभव के रूप में पंजीकृत किया जा सकता है। प्रशिक्षुओं को केन्द्रीय, राज्य और निजी संगठनों में प्रशिक्षण के लिए रखा जाता है, जिनमें उत्कृष्ट प्रशिक्षण सुविधाएं हैं। राष्ट्रीय प्रशिक्षु प्रशिक्षण योजना स्किलिंग इंडियन यूथ के लिए भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है।
क्यों करनी चाहिए अप्रेंटिस-
अप्रेंटिसशिप, किसी संगठन में रह कर कौशल या व्यापार सीखने का परीक्षण समय है। अपरेंटिस प्रशिक्षण योजना एक ऐसी योजना है जहां युवाओं को तकनीकी रूप से योग्य लोगों व उद्यौगिक परिदृश्य में प्रशिक्षण से गुजरना होता है। सीखने के दौरान कमाई का दोहरा लाभ है। प्रशिक्षुओं को भारत के कुछ सबसे प्रसिद्ध संगठनों से अपने संबंधित क्षेत्रों में काम के नवीनतम अनुप्रयोगों, प्रक्रियाओं और तरीकों को सिखाया है जाता है। प्रशिक्षु प्रशिक्षण के दौरान कौशल, कार्य संस्कृति, नैतिकता और संगठनात्मक व्यवहार सीखता है। यह भविष्य में उसे ध् उसके सुरक्षित स्थायी रोजगार की मदद करने में काफी मदद करता है। एक वर्ष के प्रशिक्षण के अंत में उन्हें उनके विशेष क्षेत्र में उनके प्रशिक्षण और प्रवीणता को प्रमाणित करने वाला प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। यह उनके प्रशिक्षण के बाद रोजगार की तलाश करते समय एक अनुभव प्रमाण पत्र के रूप में कार्य करता है।